“जिस समय हम भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफ़िक डिविडेंड) को शान से प्रदर्शित करते हैं, उस समय हम रोजगार योग्यता की पतनशील दरों को नज़रअन्दाज़ कर देते हैं।” क्या हम ऐसा करने में कोई चूक कर रहे हैं? भारत को जिन जॉबों की बेसबरी से दरकार है, वे जॉब कहाँ से आएँगे? स्पष्ट कीजिए। (200 words) [UPSC 2014]
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार योग्यता की चुनौतियाँ:
1. चूक और समस्याएँ:
2. जॉब्स के स्रोत:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष: भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को लेकर गर्व करते समय, रोजगार योग्यता की कमी को नजरअंदाज़ करना एक महत्वपूर्ण चूक है। सभी स्तरों पर कौशल सुधार, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में निवेश, उद्यमिता को प्रोत्साहन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं।