क्या आप इस कथन से सहमत है कि “मेक इन इण्डिया” कार्यक्रम की सफलता, “स्किल इण्डिया” कार्यक्रम की सफलता एवं मौलिक श्रम सुधारों पर निर्भर हैं? तार्किक तर्कों के साथ विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
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“मेक इन इंडिया” कार्यक्रम की सफलता निश्चित रूप से “स्किल इंडिया” कार्यक्रम और मौलिक श्रम सुधारों पर निर्भर है।
1. कौशल विकास (Skill Development): “स्किल इंडिया” कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को उन्नत कौशल प्रदान करना है जो औद्योगिक मांगों के अनुरूप हो। उदाहरण: 2023 में आईटी और ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से skilled workforce तैयार की गई, जिससे भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी।
2. श्रम सुधार (Labour Reforms): मौलिक श्रम सुधार, जैसे कि श्रम कानूनों को सरल करना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा, व्यवसाय करने की सुविधा को बढ़ाते हैं। उदाहरण: 2023 में लागू हुए श्रम संहिता सुधारों ने विभिन्न श्रम कानूनों को संहिताबद्ध किया, जिससे नियामक जटिलताओं में कमी आई और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ।
3. उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता: कुशल श्रमिक उच्च उत्पादकता और बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं, जो “मेक इन इंडिया” की सफलता के लिए आवश्यक है। उदाहरण: इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन निर्माण में बढ़ती भारतीय कंपनियों की सफलता इस तथ्य को दर्शाती है कि सक्षम श्रम और अनुकूल श्रम नीतियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष: “मेक इन इंडिया” की सफलता “स्किल इंडिया” और श्रम सुधारों के बिना अधूरी होगी। कुशल श्रमिक और अनुकूल श्रम नीति दोनों मिलकर भारतीय उद्योगों की वृद्धि, प्रतिस्पर्धा, और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे “मेक इन इंडिया” की उद्देश्यों की पूर्ति संभव होती है।
Types of Unemployment:
Government Steps to Overcome Unemployment in India:
These measures aim to address various forms of unemployment, promote job creation, and enhance economic stability and growth.