बालकन संकट से आप क्या समझते हैं? प्रथम विश्व युद्ध में इसकी क्या भूमिका थी? (200 Words) [UPPSC 2021]
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बालकन संकट (Balkan Crisis) 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोप में एक प्रमुख राजनीतिक संकट था, जिसने प्रथम विश्व युद्ध की परिस्थितियों को उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह संकट बालकन क्षेत्र में देशों की सीमा विवाद, राष्ट्रीयता की भावना, और बड़ी शक्तियों के बीच प्रतिकूल राजनीति के कारण उत्पन्न हुआ।
बालकन संकट की शुरुआत 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में हुई जब ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य और ओटोमन साम्राज्य के विघटन के कारण बालकन क्षेत्र में कई छोटे राष्ट्र उभरने लगे। 1908 में ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य ने बोस्निया और हर्जेगोविना को अपने कब्जे में ले लिया, जिससे रूस और सर्बिया के साथ तनाव बढ़ गया। 1912-1913 के बालकन युद्धों के परिणामस्वरूप, बालकन क्षेत्र में नए राजनीतिक समीकरण बने और नए सर्बियन साम्राज्य के निर्माण ने क्षेत्रीय असंतोष को बढ़ावा दिया।
इन संकटों ने यूरोपीय शक्तियों के बीच तनाव को बढ़ाया और मिलिट्री गठबंधनों को मजबूत किया। विशेष रूप से, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य और सर्बिया के बीच का तनाव और सर्बिया के साथ रूस के सहयोग ने यूरोप में गहरे संघर्षों को जन्म दिया। इस तरह, बालकन संकट ने एक श्रृंखलाबद्ध संघर्ष की स्थिति उत्पन्न की, जो 1914 में प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण बनी।