लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर बताइए । (125 Words) [UPPSC 2022]
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लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर
1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम का कार्यान्वयन, जो नागरिकों को सरकारी कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।
2. अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति: अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक सत्ता और नियंत्रण पर जोर देते हैं, और रूल बुक और प्रोटोकॉल के अनुसार काम करते हैं। यह अभिवृत्ति कभी-कभी लोक सेवक और नागरिक के बीच दूरी पैदा कर सकती है। उदाहरण के लिए, बंगाल के निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान प्रक्रिया के दौरान अनावश्यक बाधाएँ उत्पन्न करना, जिससे नागरिकों को कठिनाइयाँ हुईं।
मूल अंतर: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में सेवा और पारदर्शिता की प्राथमिकता होती है, जबकि अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अधिकार और नियमों के प्रति कड़ाई होती है। दोनों अभिवृत्तियाँ लोक सेवकों की भूमिका में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लोकतंत्रीय अभिवृत्ति को अधिक प्राथमिकता देने से जनता के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व बढ़ता है।