यह आर्टिकल “Raghuram Rajan: How emerging economies can prosper in a protectionist world” पर आधारित है।
संरक्षणवाद के उदय के कारण
- आर्थिक राष्ट्रवाद:
- विकसित देशों में नौकरियों की हानि से प्रेरित।
- अमेरिका का इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट (2022)।
- यूरोपीय संघ का क्रिटिकल रॉ मटेरियल एक्ट (2023) का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना।
- भू-राजनीतिक तनाव:
- अमेरिका-चीन जैसे देशों के बीच तनाव ने आत्मनिर्भरता की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया।
- कोविड-19 का प्रभाव:
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भरता का उजागर होना।
- आर्थिक असमानता और लोकलुभावनवाद:
- आर्थिक असमानता ने संरक्षणवादी नीतियों की मांग को बढ़ाया।
- पर्यावरणीय चिंताएँ:
- यूरोपीय संघ का कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज़्म।
- डिजिटल संरक्षणवाद:
- डेटा स्थानीयकरण और तकनीकी वर्चस्व की दौड़।
- घरेलू कृषि का संरक्षण:
- कृषि सब्सिडी और टैरिफ का उपयोग।
- मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता:
- घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात प्रतिबंध।
- बहुपक्षीय संस्थाओं की कमजोरी:
- WTO जैसी संस्थाएँ विवादों का समाधान करने में असमर्थ।
भारत के लिए संरक्षणवाद के मुद्दे
- निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता:
- वैश्विक बाजारों तक पहुँच सीमित होती है।
- आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान:
- सेमीकंडक्टर जैसे महत्त्वपूर्ण आयातों की लागत में वृद्धि।
- MSME पर प्रभाव:
- विकसित बाजारों में बाधाएँ।
- FDI प्रवाह में कमी:
- विदेशी निवेशकों की अनिश्चितता।
- व्यापार विवादों के लिए संसाधनों का विचलन:
- नए व्यापार संबंधों के बजाय विवाद प्रबंधन पर ध्यान।
आत्मनिर्भर भारत और संरक्षणवाद
- संरक्षणवादी तत्व:
- बढ़े हुए टैरिफ और आयात प्रतिबंध।
- PLI योजना:
- घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना।
- FTA से बाहर निकलना:
- RCEP से बाहर जाने का निर्णय।
संतुलन बनाने के उपाय
- सामरिक व्यापार साझेदारी:
- FTA के माध्यम से संरक्षणवाद को संतुलित करना।
- चयनात्मक उदारीकरण:
- प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने वाले क्षेत्रों को पहचानना।
- समुत्थानशील आपूर्ति श्रृंखलाएँ:
- आयातों पर निर्भरता को कम करना।
- बहुपक्षीय सहभागिता:
- WTO को पुनर्जीवित करना और सुधारना।
- घरेलू बुनियादी अवसंरचना:
- वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा के लिए बुनियादी अवसंरचना में निवेश।
- क्षेत्र-विशिष्ट सुरक्षा उपाय:
- कमज़ोर क्षेत्रों के लिए लक्षित सुरक्षा उपाय लागू करना।
- डिजिटल और सेवा व्यापार का लाभ उठाना:
- डिजिटल सेवाओं का विकास और वृद्धि।
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