प्रशासनिक पद्धतियों में भावनात्मक बुद्धि का आप किस तरह प्रयोग करेंगे ? (150 words) [UPSC 2017]
क्रोध को व्यवस्थित और नियंत्रित करने के उपाय 1. भावनात्मक नियंत्रण तकनीकें ध्यान और मेडिटेशन: ध्यान और मेडिटेशन करने से व्यक्ति अपनी भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है। हाल ही में, कई कंपनियों ने कर्मचारियों के तनाव और क्रोध को कम करने के लिए ध्यान प्रथाओं को अपनाया है, जैसे Google और InteRead more
क्रोध को व्यवस्थित और नियंत्रित करने के उपाय
1. भावनात्मक नियंत्रण तकनीकें
ध्यान और मेडिटेशन: ध्यान और मेडिटेशन करने से व्यक्ति अपनी भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है। हाल ही में, कई कंपनियों ने कर्मचारियों के तनाव और क्रोध को कम करने के लिए ध्यान प्रथाओं को अपनाया है, जैसे Google और Intel द्वारा की गई पहल।
2. संघर्ष समाधान कौशल
संघर्ष समाधान प्रशिक्षण: प्रभावी संचार और संघर्ष समाधान कौशल विकसित करने से क्रोध को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। “Crucial Conversations” जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम व्यक्तियों को संवेदनशील मुद्दों पर बिना क्रोध के बातचीत करने की तकनीकें सिखाते हैं।
3. संज्ञानात्मक-व्यवहारिक रणनीतियाँ
विचारों का पुनर्निर्माण: संज्ञानात्मक-व्यवहारिक तकनीकों का उपयोग करके नकारात्मक विचारों और ट्रिगर्स को समझना और उन्हें चुनौती देना क्रोध को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। अध्ययन दर्शाते हैं कि CBT आधारित क्रोध प्रबंधन कार्यक्रम प्रभावी साबित होते हैं।
4. शारीरिक गतिविधि
नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधियाँ जैसे योग या जॉगिंग तनाव और क्रोध को कम करने में मदद करती हैं। हाल की रिपोर्टों ने दिखाया है कि व्यायाम भावनात्मक संतुलन और क्रोध नियंत्रण में सहायक होता है।
इन उपायों को अपनाकर क्रोध को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सुधार होता है।
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प्रशासनिक पद्धतियों में भावनात्मक बुद्धि का प्रयोग भावनात्मक बुद्धि (EI) का प्रयोग प्रशासनिक पद्धतियों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है, जो कार्यस्थल पर सहानुभूति, प्रभावी संवाद, और समाधानात्मक सोच को बढ़ावा देता है। 1. नेतृत्व में सुधार: भावनात्मक बुद्धि वाले नेता टीम की भावनात्मक जरूरतों को समझ सकतेRead more
प्रशासनिक पद्धतियों में भावनात्मक बुद्धि का प्रयोग
भावनात्मक बुद्धि (EI) का प्रयोग प्रशासनिक पद्धतियों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है, जो कार्यस्थल पर सहानुभूति, प्रभावी संवाद, और समाधानात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
1. नेतृत्व में सुधार:
भावनात्मक बुद्धि वाले नेता टीम की भावनात्मक जरूरतों को समझ सकते हैं और प्रभावी ढंग से प्रेरित कर सकते हैं। ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, ने स्थानीय मुद्दों और जनता की भावनाओं को समझते हुए, सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू किया, जो उनकी लोकप्रियता और समर्थन में योगदान देने वाले कारण बने।
2. संघर्ष समाधान:
भावनात्मक बुद्धि संघर्षों को हल करने में मदद करती है। पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान, अधिकारियों ने भावनात्मक बुद्धि का उपयोग करके किसानों की चिंताओं को समझा और समाधान खोजने की कोशिश की, जिससे स्थिति में सुधार हुआ।
3. कर्मचारी भलाई:
भावनात्मक बुद्धि का उपयोग कार्यस्थल पर सकारात्मक माहौल बनाने में होता है। Tata Group ने अपने कर्मचारियों की भावनात्मक और मानसिक भलाई को प्राथमिकता दी है, जिससे उत्पादकता और संतोष में वृद्धि हुई है।
इन तरीकों से भावनात्मक बुद्धि का प्रभावी उपयोग प्रशासनिक कार्यों में बेहतर परिणाम और कार्यस्थल पर स्वस्थ संबंध सुनिश्चित कर सकता है।
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