1857 से पहले का भारतीय इतिहास
Editor’s Pick
- भारत में 19वीं शताब्दी में प्रचलित सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में समाज सुधारकों के योगदान का संक्षिप्त विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- उन कारणों को सूचीबद्ध कीजिए, जिन्होंने स्थायी बंदोबस्त प्रणाली की शुरुआत को प्रेरित किया। साथ ही, इसके परिणामों की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- 1765 से 1833 तक ब्रिटिश राज के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी के संबंधों के विकास का पता लगाइए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- 1857 के पूर्व की अवधि में हुए अनेक विद्रोह भारत में ब्रिटिश शासन और उसकी नीतियों के विरुद्ध बढ़ती नाराजगी का संकेत थे। चर्चा कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
UPSC PYQs
- अधिकांश भारतीय सिपाहियों वाली ईस्ट इंडिया की सेना क्यों तत्कालीन भारतीय शासकों की संख्याबल में अधिक और बेहतर सुसज्जित सेना से लगातार जीतती रही ? कारण बताएँ । (150 words)[UPSC 2022]
- अधिकांश भारतीय सिपाहियों वाली ईस्ट इंडिया की सेना क्यों तत्कालीन भारतीय शासकों की संख्याबल में अधिक और बेहतर सुसज्जित सेना से लगातार जीतती रही ? कारण बताएँ । (150 words)[UPSC 2022]
- सुस्पष्ट कीजिए कि मध्य-अठारहवीं शताब्दी का भारत विखंडित राज्यतंत्र की छाया से किस प्रकार ग्रसित था । (150 words) [UPSC 2017]
- उन्नीसवीं शताब्दी के ‘भारतीय पुनर्जागरण’ और राष्ट्रीय पहचान के उद्भव के मध्य सहलग्नताओं का परीक्षण कीजिए । (250 words) [UPSC 2019]
1857 का विद्रोह
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- यह स्पष्ट कीजिए कि 1857 का विप्लव किस प्रकार औपनिवेशिक भारत के प्रति ब्रिटिश नीतियों के विकासक्रम में एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक मोड़ है। (200 words) [UPSC 2016]
- 1857 का विप्लव ब्रिटिश शासन के पूर्ववर्ती सौ वर्षों में बार-बार घटित छोटे एवं बड़े स्थानीय विद्रोहों का चरमोत्कर्ष था । सुस्पष्ट कीजिए । (250 words) [UPSC 2019]
स्वतंत्रता आंदोलन
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- महिला क्रांतिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में साहसिक और अविस्मरणीय योगदान दिया है। चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
- ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल होने वाले विभिन्न विदेशियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
- भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समाज के विभिन्न वर्गों के प्रयासों और बलिदानों के माध्यम से जीता गया था। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में आदिवासी महिलाओं द्वारा किए गए योगदानों की विवेचना कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दें)
- भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में, विशेष रूप से 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के दौरान प्रवासी भारतीयों द्वारा निभाई गई भूमिका पर चर्चा कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में आधुनिक राष्ट्रवाद (1858 – 1905)
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- क्या कारण था कि उन्नीसवीं शताब्दी के अंत तक आते-आते ‘नरमदलीय’ अपनी घोषित विचारधारा एवं राजनीतिक लक्ष्यों के प्रति राष्ट्र के विश्वास को जगाने में असफल हो गए थे ? (150 words) [UPSC 2017]
- लॉर्ड कर्जन की नीतियों एवं राष्ट्रीय आंदोलन पर उनके दूरगामी प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए । (150 words)[UPSC 2020]
उग्रवादी राष्ट्रवाद और क्रांतिकारी गतिविधि (1905-1918)
Editor’s Pick
- एक लोकप्रिय जन चरित्र होने के बावजूद, स्वदेशी आंदोलन 1908 के मध्य तक आते-आते समाप्त हो गया। स्पष्ट कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सूरत विभाजन के कारणों को उजागर करते हुए, राष्ट्रीय आंदोलन पर इसके परिणामों की विवेचना कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
भारत के राष्ट्रवादी आन्दोलन (1919-1939)
Editor’s Pick
- भारत में होमरूल आंदोलन के विकास और साथ ही इसके योगदानों का विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- चंपारण, अहमदाबाद और खेड़ा में की गई पहलों ने गांधीजी को गरीबों के प्रति गहरी सहानुभूति वाले एक राष्ट्रवादी के रूप में चिन्हित किया। विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- असहयोग आंदोलन के पश्चात् क्रांतिकारी गतिविधियों के उदय के पीछे निहित कारणों को उदाहरण सहित समझाइए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के आरंभिक चरण में प्रेस द्वारा निभाई गई भूमिका का परीक्षण कीजिए। साथ ही, इस अवधि के दौरान भारतीय प्रेस के सामने आने वाली चुनौतियों का भी वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारत में स्वराज पार्टी के विकास को वर्णित करते हुए इसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए। साथ ही, इसकी कमियों पर भी चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
- सांप्रदायिक पंचाट (कम्युनल अवार्ड) की प्रकृति और उस समय की परिस्थितियों तथा इसके प्रति विभिन्न समूहों और दलों की प्रतिक्रियाओं पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
- चौरी चौरा की घटना द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की गति को कुछ समय के लिए धीमा कर देने के बावजूद, असहयोग आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में बना रहा है। चर्चा कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
- 1930-34 के सविनय अवज्ञा आंदोलन को एक अद्वितीय विशेषता, क्षेत्रीय स्थानिक पैटर्न और लामबंदी के नए तरीकों को शामिल करने के लिए जाना जाता है। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
UPSC PYQs
- 1920 के दशक से राष्ट्रीय आंदोलन ने कई वैचारिक धाराओं को ग्रहण किया और अपना सामाजिक आधार बढ़ाया। विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2020]
- असहयोग आन्दोलन एवं सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रमों को स्पष्ट कीजिए । (250 words) [UPSC 2021]
- नरमपंथियों की भूमिका ने किस सीमा तक व्यापक स्वतंत्रता आन्दोलन का आधार तैयार किया ? टिप्पणी कीजिए । (250 words) [UPSC 2021]
- स्वतंत्रता संग्राम में, विशेष तौर पर गाँधीवादी चरण के दौरान महिलाओं की भूमिका का विवेचन कीजिए। (200 words) [UPSC 2016]
- गाँधीवादी प्रावस्था के दौरान विभिन्न स्वरों ने राष्ट्रवादी आन्दोलन को सुदृढ़ एवं समृद्ध बनाया था । विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए। (250 words) [UPSC 2019]
स्वतंत्रता एवं विभाजन की ओर (1939-1947)
Editor’s Pick
- भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा निभाई गई भूमिका का परीक्षण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- 1946 में रॉयल इंडियन नेवी (RIN) के विद्रोह का महत्व इस तथ्य में निहित था कि इसने ब्रिटिश सरकार को आश्वस्त कर दिया कि वह अब अधिक समय तक भारत पर नियंत्रण नहीं रख सकती है। चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
- भारत छोड़ो आंदोलन महात्मा गांधी के पूर्ववर्ती जन आंदोलनों जैसे असहयोग और सविनय अवज्ञा से मौलिक रूप से भिन्न था। चर्चा कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
UPSC PYQs
धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन
Editor’s Pick
- भारत में जनसामान्य, विशेषकर कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान में ज्योतिबा फुले के योगदान को उजागर कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
- इस बात पर तर्क दिए गए हैं कि भारत के बतीत और इसकी गौरवशाली परंपरा की पुनर्बोज और पुनरुद्धार का स्वतंत्रता संघर्ष पर मिश्रित प्रभाव पड़ा है। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
UPSC PYQs
- आधुनिक भारत में, महिलाओं से संबंधित प्रश्न 19वीं शताब्दी के सामाजिक सुधार आंदोलन के भाग के रूप में उठे थे। उस अवधि में महिलाओं से संबद्ध मुख्य मुद्दे और विवाद क्या थे ? (250 words) [UPSC 2017]
- यंग बंगाल एवं ब्रह्मो समाज के विशेष संदर्भ में सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलनों के उत्थान तथा विकास को रेखांकित कीजिए। (150 words)[UPSC 2021]
भारतीय शिक्षा का विकास
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ब्रिटिश शासन का आर्थिक प्रभाव
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- परीक्षण कीजिए कि औपनिवेशिक भारत में पारम्परिक कारीगरी उद्योग के पतन ने किस प्रकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अपंग बना दिया । (250 words) [UPSC 2017]
- भारत में अठारहवीं शताब्दी के मध्य से स्वतंत्रता तक अंग्रेज़ों की आर्थिक नीतियों के विभिन्न पक्षों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए । (150 words) [UPSC 2014]
आदिवासी आंदोलन
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भारत में ब्रिटिश नीतियाँ
Editor’s Pick
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- राज्यों एवं प्रदेशों का राजनीतिक और प्रशासनिक पुनर्गठन उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य से निरंतर चल रही एक प्रक्रिया है। उदाहरण सहित विचार करें। (250 words) [UPSC 2022]
- भारतीय रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया में मुख्य प्रशासनिक मुद्दों एवं सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याओं का आकलन कीजिए । (150 words)[UPSC 2021]
ब्रिटिश सामाजिक एवं सांस्कृतिक नीति
Editor’s Pick
संवैधानिक विकास (1858-1947)
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भारतीय इतिहास में व्यक्तित्वों का योगदान
Editor’s Pick
- अपने समय के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों में से एक के रूप में, दादाभाई नौरोजी ने व्यवस्थित रूप से आर्थिक त्रुटियों पर विचार किया और भारतीयों की आर्थिक दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कारकों का विल्लेषण किया। सविस्तार वर्णन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
- शिक्षा और विदेशी मामलों के क्षेत्र में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के योगदान को वर्णित कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
- दलित अधिकारों के समर्थक के रूप में प्रसिद्ध होने के बावजूद, डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का योगदान इससे कहीं अधिक है और इसमें कई अन्य विषय भी शामिल हैं। सविस्तार वर्णन कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
- भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर के राष्ट्रवाद संबंधी दृष्टिकोण में अंतर्निहित प्रमुख सिद्धांतों को वर्णित कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दें)
- 19वीं सदी के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश के संदर्भ में, शिक्षा और महिला अधिकारों के क्षेत्र में ईश्वर चंद्र विद्यासागर का योगदान अतुलनीय है। विवेचना कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
- महात्मा गांधी द्वारा राष्ट्रीय आंदोलन में जनता को लामबद्ध करने हेतु और सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध, दोनों के लिए किए गए प्रतीकों और प्रतीकात्मक भाषा के उपयोग पर प्रकाश डालिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
- प्रमुख व्यक्तित्वों में, सरदार वल्लभभाई पटेल का भारत की एकता में योगदान निर्विवाद है। चर्चा कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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- महात्मा गांधी के बिना भारत की स्वतंत्रता की उपलब्धि कितनी भिन्न हुई होती ? चर्चा कीजिये। (200 words) [UPSC 2015]
- अपसारी उपागमों और रणनीतियों के होने के बावजूद, महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का दलितों की बेहतरी का एक समान लक्ष्य था। स्पष्ट कीजिये । (200 words) [UPSC 2015]
- महात्मा गाँधी और रवीन्द्रनाथ टैगोर में शिक्षा और राष्ट्रवाद के प्रति सोच में क्या अंतर था? ( 150 Words) [UPSC 2023]