UPSC PYQs
- “भारतीय राजनीतिक पार्टी प्रणाली परिवर्तन के ऐसे दौर से गुज़र रही है, जो अन्तर्विरोधों और विरोधाभासों से भरा प्रतीत होता है।” चर्चा कीजिए । (200 words) [UPSC 2016]
- मृत्यु दंडादेशों के लघुकरण में राष्ट्रपति के विलंब के उदाहरण न्याय प्रत्याख्यान (डिनायल) के रूप में लोक वाद-विवाद के अधीन आए हैं। क्या राष्ट्रपति द्वारा ऐसी याचिकाओं को स्वीकार करने / अस्वीकार करने के लिए एक समय सीमा का विशेष रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए ? विश्लेषण कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
- मंत्रिमंडल का आकार उतना होना चाहिए कि जितना सरकारी कार्य सही ठहराता हो और उसको उतना बड़ा होना चाहिए कि जितने को प्रधानमंत्री एक टीम के रूप में संचालन कर सकता हो। उसके बाद सरकार की दक्षता किस सीमा तक मंत्रिमंडल के आकार से प्रतिलोमतः संबंधित है ? चर्चा कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
- यद्यपि 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफ.डी.आई.) पहले से व्यापार प्रकाशन और सामान्य मनोरंजन चैनल जैसे समाचार-इतर मीडिया में अनुमत है, तथापि सरकार काफी कुछ समय से समाचार मीडिया में वर्धित एफ.डी.आई. के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। एफ.डी.आई. में बढ़ोतरी क्या अंतर पैदा करेगी ? समालोचनापूर्वक इसके पक्ष-विपक्ष का मूल्यांकन कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
- “महान्यायवादी भारत की सरकार का मुख्य विधि सलाहकार और वकील होता है।” चर्चा कीजिए । (250 words) [UPSC 2019]
भारतीय संविधान
UPSC PYQs
- संवैधानिक नैतिकता’ की जड़ संविधान में ही निहित है और इसके तात्त्विक फलकों पर आधारित है। ‘संवैधानिक नैतिकता’ के सिद्धांत की प्रासंगिक न्यायिक निर्णयों की सहायता से विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
- राष्ट्र की एकता और अखण्डता बनाये रखने के लिये भारतीय संविधान केन्द्रीयकरण करने की प्रवृत्ति प्रदर्शित करता है। महामारी अधिनियम, 1897; आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 तथा हाल में पारित किये गये कृषि क्षेत्र के अधिनियमों के परिप्रेक्ष्य में सुस्पष्ट कीजिये । (250 words) [UPSC 2020]
- क्या आपके विचार में भारत का संविधान शक्तियों के कठोर पृथक्करण के सिद्धान्त को स्वीकार नहीं करता है, बल्कि यह ‘नियंत्रण एवं संतुलन’ के सिद्धान्त पर आधारित है ? व्याख्या कीजिए । (150 words) [UPSC 2019]
- संसद और उसके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां (इम्यूनिटीज़), जैसे कि वे संविधान की धारा 105 में परिकल्पित हैं, अनेकों असंहिताबद्ध (अन-कोडिफाइड) और अ-परिगणित विशेषाधिकारों के जारी रहने का स्थान खाली छोड़ देती हैं। संसदीय विशेषाधिकारों के विधिक संहिताकरण की अनुपस्थिति के कारणों का आकलन कीजिये। इस समस्या का क्या समाधान निकाला जा सकता है ? (200 words) [UPSC 2014]
- भारतीय संविधान में संसद के दोनों सदनों का संयुक्त सत्र बुलाने का प्रावधान है। उन अवसरों को गिनाइए जब सामान्यतः यह होता है तथा उन अवसरों को भी जब यह नहीं किया जा सकता, और इसके कारण भी बताइए। (250 words) [UPSC 2017]
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370, जिसके साथ हाशिया नोट “जम्मू-कश्मीर राज्य के सम्बन्ध में अस्थायी उपबन्ध” लगा हुआ है, किस सीमा तक अस्थायी है ? भारतीय राज्य-व्यवस्था के संदर्भ में इस उपबन्ध की भावी सम्भावनाओं पर चर्चा कीजिए । (200 words) [UPSC 2016]
- चर्चा कीजिए कि वे कौन-से संभावित कारक हैं जो भारत को राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व में प्रदत्त के अनुसार अपने नागरिकों के लिए समान सिविल संहिता को अभिनियमित करने से रोकते हैं। (200 words) [UPSC 2015]
भारतीय संविधान का इतिहास
UPSC PYQs
भारत के संविधान की विशेषताएं
Editor’s Pick
- भारत जैसे एक लोकतांत्रिक देश के संदर्भ में संविधान के महत्व की व्याख्या कीजिए। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
- विधि के शासन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए कि यह विचार भारत के संविधान में कैसे परिलक्षित होता है।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। भारतीय संविधान में ऐसे कौन-से प्रावधान हैं, जो शक्तियों के पृथक्करण को प्रतिबिंबित करते हैं?(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारतीय संविधान की मूल संरचना (बेसिक स्ट्रक्चर) का सिद्धांत एक न्यायिक नवाचार है। विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- कई सारे देशों के संविधानों से उधार ली गई विशेषताओं के बावजूद, भारत का संविधान अद्वितीय बना हुआ है। विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारतीय संविधान के लागू होने के बाद से मूल अधिकारों और राज्य की नीति के निदेशक तत्वों (DPSPs) में संवैधानिक रूप से सामंजस्य स्थापित करना एक कठिन कार्य रहा है। प्रासंगिक न्यायिक निर्णयों की सहायता से चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
- विश्व भर के विभिन्न संविधानों का मिश्रण होने के बावजूद, भारतीय संविधान अपने विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से सामाजिक न्याय, बहुलवाद और समानता को आत्मसात किए हुए है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
- विधायिका और न्यायपालिका के बीच टकराव की परिणति केशवानंद भारती वाद में ‘आधारभूत संरचना’ के सिद्धांत रूप में हुई। विवेचना कीजिए। संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति को सीमित करने में इस वाद का क्या महत्व है? (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
- ‘संविधान का उद्देश्य सुधार लाने के लिए समाज को रूपांतरित करना है और यह उद्देश्य रूपांतरणकारी संविधान
- संवैधानिक समानता और स्वतंत्रता के आधार पर निजी क्षेत्रक की नौकरियों में अधिवास आधारित आरक्षण पर आपत्ति अनुचित है। समालोचनात्मक चर्चा कीजिए।(250 words)
- ऐसा तर्क दिया जाता है कि राजद्रोह कानून भारत के उदार लोकतांत्रिक सिद्धांतों की नींव पर हमला है, जैसा कि संविधान में निहित हैं। क्या आप सहमत हैं?(250 words)
UPSC PYQs
- उद्देशिका (प्रस्तावना)’ में शब्द ‘गणराज्य’ के साथ जुड़े प्रत्येक विशेषण पर चर्चा कीजिए । क्या वर्तमान परिस्थितियों में वे प्रतिरक्षणीय हैं ? (200 words) [UPSC 2016]
- कोहिलो केस में क्या अभिनिर्धारित किया गया था ? इस संदर्भ में, क्या आप कह सकते हैं कि न्यायिक पुनर्विलोकन संविधान के बुनियादी अभिलक्षणों में प्रमुख महत्त्व का है ? (200 words) [UPSC 2016]
- “भारत का संविधान अत्यधिक गतिशीलता की क्षमताओं के साथ एक जीवंत यंत्र है। यह प्रगतिशील समाज के लिये बनाया गया एक संविधान है।” जीने के अधिकार तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में हो रहे निरंतर विस्तार के विशेष संदर्भ में उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए । (250 words) [UPSC 2023]
भारतीय संविधान में संशोधन
Editor’s Pick
UPSC PYQs
- 101 वें संविधान संशोधन अधिनियम का महत्व समझाइए। यह किस हद तक संघवाद के समावेशी भावना को दर्शाता है ? (250 words) [UPSC 2023]
- 69वें संविधान संशोधन अधिनियम के उन अत्यावश्यक तत्त्वों और विषमताओं, यदि कोई हों, पर चर्चा कीजिए, जिन्होंने दिल्ली के प्रशासन में निर्वाचित प्रतिनिधियों और उप-राज्यपाल के बीच हाल में समाचारों में आए मतभेदों को पैदा कर दिया है। क्या आपके विचार में इससे भारतीय परिसंघीय राजनीति के प्रकार्यण में एक नई प्रवृत्ति का उदय होगा ? (200 words) [UPSC 2016]
- संविधान (एक सौ एक संशोधन) अधिनियम, 2016 के प्रमुख अभिलक्षणों को समझाइए। क्या आप समझते हैं कि यह “करों के सोपानिक प्रभाव को समाप्त करने में और माल तथा सेवाओं के लिए साझा राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने में” काफी प्रभावकारी है? (250 words) [UPSC 2017]
- “संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति एक परिसीमित शक्ति है और इसे आत्यंतिक शक्ति के रूप में विस्तृत नहीं किया जा सकता है।” इस कथन के आलोक में व्याख्या कीजिए कि क्या संसद संविधान के अनुच्छेद 368 के अंतर्गत अपनी संशोधन की शक्ति का विशदीकरण करके संविधान के मूल ढांचे को नष्ट कर सकती है ? (250 words) [UPSC 2019]
संघ और राज्यों के कार्य एवं उत्तरदायित्व
Editor’s Pick
- प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा किए जाने वाले कार्यों और भारत में नीति-निर्माण को आकार देने में इसकी भूमिका पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
- भारत में संवैधानिक शासन को संरक्षित करने के लिए राज्यपाल के पद को रूपांतरित करने की आवश्यकता है। राज्यपाल के पद से जुड़े हालिया विवादों के आलोक में विवेचना कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत की संघीय व्यवस्था
Editor’s Pick
- साथ आकर संघ बनाने” (कमिंग टुगेदर फेडरेशन) और “सबको साथ लाकर संघ बनाने” (होल्डिंग टुगेदर फेडरेशन) के बीच के अंतरों को उदाहरण सहित वर्णित कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारत में सहकारी संघवाद को सुनिश्चित करने में विद्यमान विभिन्न चुनौतियों को रेखांकित कीजिए। साथ ही, सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के उपायों का मुझाव दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- “संघवाद के भारतीय मॉडल की अत्यधिक केंद्रीकृत होने के कारण आलोचना की जाती है, लेकिन यह राज्यों को पर्याप्त अवसर और स्वायत्तता भी प्रदान करता है।” विश्लेषण कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
UPSC PYQs
- हाल के वर्षों में सहकारी परिसंघवाद की संकल्पना पर अधिकाधिक बल दिया जाता रहा है। विद्यमान संरचना में असुविधाओं और सहकारी परिसंघवाद किस सीमा तक इन असुविधाओं का हल निकाल लेगा, इस पर प्रकाश डालिए। (200 words) [UPSC 2015]
- न्यायालयों के द्वारा विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने से, ‘परिसंघीय सर्वोच्चता का सिद्धान्त’ और ‘समरस अर्थान्वयन’ उभर कर आए हैं। स्पष्ट कीजिए । (150 words) [UPSC 2019]
- आपके विचार में सहयोग, स्पर्धा एवं संघर्ष ने किस प्रकार से भारत में महासंघ को किस सीमा तक आकार दिया है ? अपने उत्तर को प्रमाणित करने के लिए कुछ हालिया उदाहरण उद्धृत कीजिए । ((150 words) [UPSC 2020]
- एक राज्य-विशेष के अन्दर प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर करने तथा जाँच करने के केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी० बी० आइ०) के क्षेत्राधिकार पर कई राज्य प्रश्न उठा रहे हैं। हालांकि, सी० बी० आइ० जाँच के लिए राज्यों द्वारा दी गई सहमति को रोके रखने की शक्ति आत्यंतिक नहीं है। भारत के संघीय ढाँचे के विशेष संदर्भ में विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
- आपकी राय में, भारत में शक्ति के विकेन्द्रीकरण ने जमीनी स्तर पर शासन परिदृश्य को किस सीमा तक परिवर्तित किया है ? (150 words)[UPSC 2022]
- संघीय सरकारों द्वारा 1990 के दशक के मध्य से अनुच्छेद 356 के उपयोग की कम आवृत्ति के लिये जिम्मेदार विधिक एवं राजनीतिक कारकों का विवरण प्रस्तुत कीजिए । (250 words) [UPSC 2023]
- यद्यपि परिसंघीय सिद्धांत हमारे संविधान में प्रबल है और वह सिद्धांत संविधान के आधारिक अभिलक्षणों में से एक है, परंतु यह भी इतना ही सत्य है कि भारतीय संविधान के अधीन परिसंघवाद (फैडरलिज्म) सशक्त केन्द्र के पक्ष में झुका हुआ है। यह एक ऐसा लक्षण है जो प्रबल परिसंघवाद की संकल्पना के विरोध में है। चर्चा कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
शक्ति पृथक्करण
UPSC PYQs
संविधानों की तुलना
UPSC PYQs
- भारत एवं यू० एस० ए० दो विशाल लोकतंत्र हैं। उन आधारभूत सिद्धांतों का परीक्षण कीजिए जिन पर ये दो राजनीतिक तंत्र आधारित है। (250 words) [UPSC 2018]
- धर्मनिरपेक्षता को भारत के संविधान के उपागम से फ्रांस क्या सीख सकता है ? (150 words) [UPSC 2019]
- संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में, समता के अधिकार की धारणा की विशिष्ट विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]]
- भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए । (250 words) [UPSC 2022]
- संसदीय संप्रभुता के प्रति ब्रिटिश एवं भारतीय दृष्टिकोणों की तुलना करें और अंतर बताएं । (150 words)[UPSC 2023]
मंत्रालय और विभाग
Editor’s Pick
संसद और राज्य विधानमंडल
Editor’s Pick
- लोक सभा की शक्तियों की राज्य सभा की शक्तियों के साथ तुलना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारत के राष्ट्रपति की वीटो शक्तियों की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारत में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में विभागीय स्थायी समितियों की भूमिका की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन किन आधारों पर अधिरोपित किया जा सकता है? साथ ही, इसके अधिरोपण की प्रक्रिया तथा इसके प्रभावों का भी उल्लेख कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- भारत में लोकतंत्र के प्रभावी काम-काज के लिए विपक्ष के नेता (LOP) की भूमिका पर चचर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
UPSC PYQs
- विधायी कार्यों के संचालन में व्यवस्था एवं निष्पक्षता बनाए रखने में और सर्वोत्तम लोकतांत्रिक परम्पराओं को सुगम बनाने में राज्य विधायिकाओं के पीठासीन अधिकारियों की भूमिका की विवेचना कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
- “भारत के राज्य शहरी स्थानीय निकायों को कार्यात्मक एवं वित्तीय दोनों ही रूप से सशक्त बनाने के प्रति अनिच्छुक प्रतीत होते हैं।” टिप्पणी कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
- “यदि संसद में पटल पर रखे गए व्हिसलब्लोअर्स अधिनियम, 2011 के संशोधन बिल को पारित कर दिया जाता है, तो हो सकता है कि सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई बचे ही नहीं।” समालोचनापूर्वक मूल्यांकन कीजिए। (200 words) [UPSC 2015]
- “लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक ही समय में चुनाव, चुनाव प्रचार की अवधि और व्यय को तो सीमित कर देंगे, परंतु ऐसा करने से लोगों के प्रति सरकार की जवाबदेही कम हो जाएगी।” चर्चा कीजिए। (150 words) [UPSC 2017]
- आप यह क्यों सोचते हैं कि समितियाँ संसदीय कार्यों के लिए उपयोगी मानी जाती हैं? इस संदर्भ में प्राक्कलन समिति की भूमिका की विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2018]
- राष्ट्रीय विधि निर्माता के रूप में अकेले एक संसद सदस्य की भूमिका अवनति की ओर है, जिसके फलस्वरूप वादविवादों की गुणता और उनके परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ भी चुका है। चर्चा कीजिए । (250 words) [UPSC 2019]
- विगत कुछ दशकों में राज्य सभा एक ‘उपयोगहीन स्टैपनी टायर’ से सर्वाधिक उपयोगी सहायक अंग में रूपांतरित हुआ है। उन कारकों तथा क्षेत्रों को आलोकित कीजिये जहाँ यह रूपांतरण दृष्टिगत हो सकता है। (250 words) [UPSC 2020]
- एकदा स्पीकर, सदैव स्पीकर’! क्या आपके विचार में लोकसभा अध्यक्ष पद की निष्पक्षता के लिए इस कार्यप्रणाली को स्वीकारना चाहिए ? भारत में संसदीय प्रयोजन की सुदृढ कार्यशैली के लिए इसके क्या परिणाम हो सकते हैं ? (150 words) [UPSC 2020]
- क्या विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियाँ प्रशासन को अपने पैर की उँगलियों पर रखती हैं और संसदीय नियंत्रण के लिए सम्मान-प्रदर्शन हेतु प्रेरित करती हैं? उपयुक्त उदाहरणों के साथ ऐसी समितियों के कार्यों का मूल्यांकन कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
- उन संवैधानिक प्रावधानों को समझाइए जिनके अंतर्गत विधान परिषदें स्थापित होती हैं। उपयुक्त उदाहरणों के साथ विधान परिषदों के कार्य और वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- आपकी दृष्टि में, भारत में कार्यपालिका की जवाबदेही को निश्चित करने में संसद कहाँ तक समर्थ है? (150 words) [UPSC 2021]
- “भारत में राष्ट्रीय राजनैतिक दल केन्द्रीयकरण के पक्ष में हैं, जबकि क्षेत्रीय दल राज्य-स्वायत्तता के पक्ष में ।” टिप्पणी कीजिए। (250 words) [UPSC 2022]
- राज्य सभा के सभापति के रूप में भारत के उप-राष्ट्रपति की भूमिका की विवेचना कीजिए । (150 words)[UPSC 2022]
- संसदीय समिति प्रणाली की संरचना को समझाइए । भारतीय संसद के संस्थानीकरण में वित्तीय समितियों ने कहां तक मदद की ? (250 words) [UPSC 2023]
न्यायपालिका
Editor’s Pick
- न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण से आप क्या समझते हैं? साथ ही, इससे संबंधित चिंताओं की भी विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि भारत में न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक नया कानून बनाने की आवश्यकता है? (150 शब्दों में उत्तर दें)
- पृथक्करणीयता का सिद्धांत क्या है? प्रासंगिक न्यायिक निर्णयों की सहायता से विवेचना कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
UPSC PYQs
- “संवैधानिक रूप से न्यायिक स्वतंत्रता की गारंटी लोकतंत्र की एक पूर्व शर्त है।” टिप्पणी कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
- भारत में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एन. एच. आर.सी.) सर्वाधिक प्रभावी तभी हो सकता है, जब इसके कार्यों को सरकार की जवाबदेही को सुनिश्चित करने वाले अन्य यांत्रिकत्वों (मकैनिज्म) का पर्याप्त समर्थन प्राप्त हो। उपरोक्त टिप्पणी के प्रकाश में, मानव अधिकार मानकों की प्रोन्नति करने और उनकी रक्षा करने में, न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं के प्रभावी पूरक के तौर पर, एन. एच. आर. सी. की भूमिका का आकलन कीजिये । (200 words) [UPSC 2014]
- आधारिक संरचना’ के सिद्धांत से प्रारंभ करते हुए, न्यायपालिका ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत एक उन्नतिशील लोकतंत्र के रूप में विकसित करे, एक उच्चतः अग्रलक्षी (प्रोऐक्टिव) भूमिका निभाई है। इस कथन के प्रकाश में, लोकतंत्र के आदर्शों की प्राप्ति के लिए, हाल के समय में ‘न्यायिक सक्रियतावाद’ द्वारा निभाई भूमिका का मूल्यांकन कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
- भारत में उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संदर्भ में ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014’ पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (150 words) [UPSC 2017]
- क्या उच्चतम न्यायालय का निर्णय (जुलाई 2018) दिल्ली के उप-राज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच राजनैतिक कशमकश को निपटा सकता है? परीक्षण कीजिए। (250 words) [UPSC 2018]
चुनाव एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951
Editor’s Pick
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत निरर्हता के आधारों को वर्णित कीजिए। साथ ही, निरर्ह प्रतिनिधियों के लिए उपलब्ध उपचारात्मक उपार्यो पर भी चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- कैदियों को मताधिकार से वंचित करना वस्तुतः लोकतंत्र के एक प्रशंसनीय मूल्य, अर्थात् “मतदान के अधिकार का अपमान करना है, जिसकी गंभीरतापूर्वक रक्षा की जानी चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के आलोक में चर्चा कीजिए। (250 words)
UPSC PYQs
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अन्तर्गत संसद अथवा राज्य विधायिका के सदस्यों के चुनाव से उभरे विवादों के निर्णय की प्रक्रिया का विवेचन कीजिए। किन आधारों पर किसी निर्वाचित घोषित प्रत्याशी के निर्वाचन को शून्य घोषित किया जा सकता है ? इस निर्णय के विरुद्ध पीड़ित पक्ष को कौन-सा उपचार उपलब्ध है ? वाद विधियों का सन्दर्भ दीजिए। (250 words) [UPSC 2022]
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ई० वी० एम०) के इस्तेमाल संबंधी हाल के विवाद के आलोक में, भारत में चुनावों की विश्वास्यता सुनिश्चित करने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग के समक्ष क्या-क्या चुनौतियाँ हैं? (150 words) [UPSC 2018]
- किन आधारों पर किसी लोक प्रतिनिधि को, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अधीन निरर्हित किया जा सकता है ? उन उपचारों का भी उल्लेख कीजिए जो ऐसे निरर्हित व्यक्ति को अपनी निरर्हता के विरुद्ध उपलब्ध हैं। (250 words) [UPSC 2019]
- “लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता है”। टिप्पणी कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
संवैधानिक निकाय
Editor’s Pick
- यू.पी.एस.सी. की भूमिका का विवरण दीजिए। साथ ही, यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्ष कामकाज की सुरक्षा और उन्हें बनाए रखने के लिए संवैधानिक प्रावधानों को सूचीबद्ध कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें
- अधिकरण क्या हैं? अनुच्छेद 323A, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323B से किस प्रकार भिन्न है?(उत्तर 200 शब्दों में दें)
UPSC PYQs
- आदर्श आचार-संहिता के उद्भव के आलोक में, भारत के निर्वाचन आयोग की भूमिका का विवेचन कीजिए । (250 words) [UPSC 2022]
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सांविधिक निकाय से संवैधानिक निकाय में रूपांतरण को ध्यान में रखते हुए इसकी भूमिका की विवेचना कीजिए। (150 words)[UPSC 2022]
- संघ और राज्यों के लेखाओं के सम्बन्ध में, नियंत्रक और महालेखापरीक्षक की शक्तियों का प्रयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 149 से व्युत्पन्न है। चर्चा कीजिए कि क्या सरकार की नीति कार्यान्वयन की लेखापरीक्षा करना अपने स्वयं (नियंत्रक और महालेखापरीक्षक) की अधिकारिता का अतिक्रमण करना होगा या कि नहीं । (200 words) [UPSC 2016]
- भारत में लोकतंत्र की गुणता को बढ़ाने के लिए भारत के चुनाव आयोग ने में चुनावी सुधारों का प्रस्ताव दिया है। सुझाए गए सुधार क्या हैं और लोकतंत्र को सफल बनाने में वे किस सीमा तक महत्त्वपूर्ण हैं? (250 words) [UPSC 2017]
- भारत के वित्तीय आयोग का गठन किस प्रकार किया जाता है? हाल में गठित वित्तीय आयोग के विचारार्थ विषय (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) के बारे में आप क्या जानते हैं? विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2018]
- “नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सी० ए० जी०) को एक अत्यावश्यक भूमिका निभानी होती है।” व्याख्या कीजिए कि यह किस प्रकार उसकी नियुक्ति की विधि और शर्तों और साथ ही साथ उन अधिकारों के विस्तार से परिलक्षित होती है, जिनका प्रयोग वह कर सकता है। (150 words) [UPSC 2018]
- क्या राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एन० सी० एस० सी०) धार्मिक अल्पसंख्यक संस्थानों में अनुसूचित जातियों के लिए संवैधानिक आरक्षण के क्रियान्वयन का प्रवर्तन करा सकता है? परीक्षण कीजिए। (150 words) [UPSC 2018]
- भारत के 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों ने राज्यों को अपनी राजकोषीय स्थिति सुधारने में कैसे सक्षम किया है? (150 words) [UPSC 2021]
सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय
Editor’s Pick
- राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की संरचना और कार्यों का उल्लेख कीजिए। साथ ही, महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए इस आयोग द्वारा प्रारंभ पहलों को रेखांकित कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
- यद्यपि अर्ध-न्यायिक निकायों को न्यायिक निकायों के समान शक्तियाँ प्राप्त हैं तथापि दोनों के बीच अंतर के अनेक महत्वपूर्ण बिंदु विद्यमान हैं। सविस्तार वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
UPSC PYQs
- यद्यपि मानवाधिकार आयोगों ने भारत में मानव अधिकारों के संरक्षण में काफी हद तक योगदान दिया है, फिर भी वे ताकतवर और प्रभावशालियों के विरुद्ध अधिकार जताने में असफल रहे हैं। इनकी संरचनात्मक और व्यावहारिक सीमाओं का विश्लेषण करते हुए सुधारात्मक उपायों के सुझाव दीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
- भारत में बहुराष्ट्रीय निगमों के द्वारा प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग को रोकने में भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिए। हाल के निर्णयों का संदर्भ लें । (150 words)[UPSC 2023]
- निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के हकदार कौन हैं? निःशुल्क कानूनी सहायता के प्रतिपादन में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (एन.ए.एल.एस.ए.) की भूमिका का आकलन कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
- “वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विनियामक संस्थाएँ स्वतंत्र और स्वायत्त बनी रहे।” पिछले कुछ समय में हुए अनुभवों के प्रकाश में चर्चा कीजिए। (200 words) [UPSC 2015]
- अर्ध-न्यायिक (न्यायिकवत्) निकाय से क्या तात्पर्य है? ठोस उदाहरणों की सहायता से स्पष्ट कीजिए । (200 words) [UPSC 2016]
- महिलाएँ जिन समस्याओं का सार्वजनिक एवं निजी दोनों स्थलों पर सामना कर रही हैं, क्या राष्ट्रीय महिला आयोग उनका समाधान निकालने की रणनीति बनाने में सफल रहा है? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क प्रस्तुत कीजिए। (250 words) [UPSC 2017]
- आप इस मत से कहाँ तक सहमत हैं कि अधिकरण सामान्य न्यायालयों की अधिकारिता को कम करते हैं? उपर्युक्त को दृष्टिगत रखते हुए भारत में अधिकरणों की संवैधानिक वैधता तथा सक्षमता की विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2018]
- “केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जिसकी स्थापना केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों द्वारा या उनके विरुद्ध शिकायतों एवं परिवादों के निवारण हेतु की गई थी, आजकल एक स्वतंत्र न्यायिक प्राधिकरण के रूप में अपनी शक्तियों का प्रयोग कर रहा है।” व्याख्या कीजिए । (150 words) [UPSC 2019]
- एक आयोग के सांविधानिकीकरण के लिए कौन-कौन से चरण आवश्यक हैं ? क्या आपके विचार में राष्ट्रीय महिला आयोग को सांविधानिकता प्रदान करना भारत में लैंगिक न्याय एवं सशक्तिकरण और अधिक सुनिश्चित करेगा ? कारण बताइए। (250 words) [UPSC 2020]
- “सूचना का अधिकार अधिनियम में किये गये हालिया संशोधन सूचना आयोग की स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर गम्भीर प्रभाव डालेंगे”। विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
- राष्ट्रपति द्वारा हाल में प्रख्यापित अध्यादेश के द्वारा माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996 में क्या प्रमुख परिवर्तन किए गए हैं? यह भारत के विवाद समाधान यांत्रिकत्व को किस सीमा तक सुधारेगा? चर्चा कीजिए। (200 words) [UPSC 2015]
दबाव समूह और अन्य समूह
Editor’s Pick
UPSC PYQs
- भारत में नीति-निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए किसान संगठनों द्वारा क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं और वे तरीके कितने प्रभावी हैं ? (150 words) [UPSC 2019]
- “भारत में सार्वजनिक नीति बनाने में दबाव समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” समझाइए कि व्यवसाय संघ, सार्वजनिक नीतियों में किस प्रकार योगदान करते हैं। (150 words) [UPSC 2021]
- भारतीय राजनीतिक प्रक्रम को दबाव समूह किस प्रकार प्रभावित करते हैं? क्या आप इस मत से सहमत हैं कि हाल के वर्षों में अनौपचारिक दबाव समूह, औपचारिक दबाव समूहों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली रूप में उभरे हैं? (150 words) [UPSC 2017]
- खाप पंचायतें संविधानेतर प्राधिकरणों के तौर पर प्रकार्य करने, अक्सर मानवाधिकार उल्लंघनों की कोटि में आने वाले निर्णयों को देने के कारण खबरों में बनी रही हैं। इस संबंध में स्थिति को ठीक करने के लिए विधानमंडल, कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा की गई कार्रवाइयों पर समालोचनात्मक चर्चा कीजिए। (200 words) [UPSC 2015]
मौलिक अधिकार
UPSC PYQs
- निजता के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय के नवीनतम निर्णय के आलोक में, मौलिक अधिकारों के विस्तार का परीक्षण कीजिए। (250 words) [UPSC 2017]
- “भारत के सम्पूर्ण क्षेत्र में निवास करने और विचरण करने का अधिकार स्वतंत्र रूप से सभी भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है, किन्तु ये अधिकार असीम नहीं हैं।” टिप्पणी कीजिए । (150 words)[UPSC 2022]
- आप ‘वाक् और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य’ संकल्पना से क्या समझते हैं? क्या इसकी परिधि में घृणा वाक् भी आता है ? भारत में फिल्में अभिव्यक्ति के अन्य रूपों से तनिक भिन्न स्तर पर क्यों हैं ? चर्चा कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
- क्या स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार में दीवाली के दौरान पटाखे जलाने के विधिक विनियम भी शामिल हैं? इस पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के, और इस संबंध में शीर्ष न्यायालय के निर्णय/निर्णयों के, प्रकाश में चर्चा कीजिए। (200 words) [UPSC 2015]